ग़ज़ल

ग़ज़ल

तुमसे जुदा मेरी ज़िन्दगी का ये रास्ता है.

दिल न जाने मुहब्बत क्या चीज़ होती है,
बस इतना ही जाने की दिल तुम्हें चाहता है.

कौन है वो जिससे हर सांस पाक होती है,
कौन है वो जिसे हर दुआ में दिल मांगता है.

क्यों है दिल को गम तुमसे दूरी का ये सोचता हूँ,
पलकों में ही रहते हो ये बात नहीं जानता है.

ये हिचकी मुझे सताती है क्यों कबसे बेवजह,
ये तेरी ही याद का है असर दिल खूब पहचानता है.
-- ' अतुल '

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